जब तक शिखर पर ना पोहोंच जाओ, आराम करना भूल जाओ | एक खरगोश की कहानी 🐇
दोस्तों जीवन में हमारे पास बोहोत कुछ होते हुए भी हम कभी खुश नहीं होते। इसका कारण ये होता है की हम किसी और का सालों का मेहनत अपने वर्तमान या फिर अपने एक दिन या कुछ दिन से करते हैं। इसलिए वो जैसे बरताओ करते हैं हम एक दम वैसा ही करने का प्रयत्न करते हैं। इसका नतीजा हमारे लिए हमेशा बुरा ही होता है। इसलिए कवि ने कहा है की,
"जब तक सफल न हो जाओ, नींद चैन को त्यागो तुम,
संघर्ष का मैदान छोड़ कर मत भागो तुम।"
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